Friday, July 7, 2017

धोखे का पर्यायवाची चीन

भूटान की सरजमीं पर डोकलाम क्षेञ मे चल रहा घटनाक्रम चीन के कौमनिष्ट शासकों की सम्राज्यवादि मानसिकता को ही माञ नहीं दर्शाता है बल्कि उस आम भारतिय कहावत को भी चिरतार्थ करता है जो हर एक दुकानदार अपने ग्राहक को कहता है,
*चाइनीज माल है साहब कोई गारंटी नहीं*

 माऔ की तथाकथित सांसकृतिक क्रांती के उपरांत कौम्युनिस्टों के चाइना में सत्ता दखल करने के बाद से ही अगर उनके इतिहास पर हम नजर डालें तो पायेंगे कि उनकी पुरी कार्यप्रणाली और नितियों का आधार सीर्फ और सीर्फ *धोखा* देना रहा है.. और येन केन प्रकारेण साम्यवावाद की आड में सीर्फ सम्राज्यवाद को फैला अपनी प्रभुसत्ता दिखाना है.. बस फर्क इतना है कि पुंजिवाद व्यवस्था में साधनों पर अधिकार पुंजीपतियों का होता है और चाइना में ये अधिकार इनके पोलिटब्युरो ने अपने हाथ में ले लिया है, और यहीं से प्रारम्भ हुवा इनके *धोखे*  का खेल भी.. 

सबसे पहला *धोखा*  इन्होनें दिया स्वंय अपनी ही चाइनीज जनता को जब सांस्कृतिक क्रांति के छद्म आवरण में इन्होंने अपनी पुर्व की समृद्व आदि अध्यात्मिक संस्कृति को भोगी भावहिन नास्तिकता में जबरन ढकेल भोलीभाली चाइनीज आबादि की आजादी छीन उन्हें कौम्यूनिष्ट पार्टि और पौलिटब्यूरो का दास बना रख छोडा..

There is an old saying 
*Accumulation of power creates exploitation* 

और चाइना की कौम्यूनिष्ट पार्टि इसका प्रत्यक्ष और प्रमाणित उदाहरण है.. 
जो लगातार *धोखा* दे रहा है..स्वंय अपनी ही जनता को..
*पिपूल्स रिपब्लिक ओफ चाइना* के नाम पर.. 

चीन विश्व का एकमाञ मुल्क है जिसका अपने पडोसी देशों के साथ सीमा विवाद अब तो एक आम बात हो चुकी है, 
जो उसकी सम्राज्यवादि, विस्तारवादि, जमीन दखल की मानसिकता को स्पष्ट दर्शाता है.. जबकि दुनिया भर में ये कौम्यूनिष्ट विचिरधारा वाले कोमरेड डंका पिटते रहते हैं कि कौम्यूनिष्ट विचारधारा कभी भी आक्रमणकारि या सम्राज्यवादि नही होती, जो स्पष्ट *धोखा*  कौम्यूनिष्ट विचारधारा को भी है और अपने पडोसी मुल्कों को भी जो इनके इसी बहकावे में आ जाते है लगातार.. और इनका ये दोहरापन भारत से बेहतर कौन जान सकता है, जब नेहरू के इसी समाजवादि मोह और अंधविश्वास के कारण हमने *हिंदी चीनी भाई भाई*  के छद्म नारे में आकर ना भुलने वाला *धोखा* खाया था 1962 में...


चाइना के विस्तारवादि खुनीखेल को अगर विश्वसमुदाय और विशेष कर हमारे देश के नेताओं और नितिकारों ने अब भी नजरअंदाज किया तो, संभवतः Mother of all *धोखा* खा जाएंगे बहुत शीघ्र..
कभी कहा थी एक अमेरिकी राष्ट्रपति ने *Axis of evil* जिसका केंद्रंविदू यह चाइना ही है.. North Korea का मददगार, पाकिस्तान में बैठे हर आतंकवादि को युनाइडेट नेशन में वीटो लगा बचाने वाला परमानेन्ट मेम्बर एकमाञ देश भी यह चीन ही है..।।

बहुत पहले जार्ज फरनांनडेज ने इन्हे सही पहचाना था क्योंकि वो खुद समाजवादी थे और चाइना के दोगलेपन को सही पहचाना था तब.. पर दुर्भाग्य से हमारे देश के नितिकारों की पुरी की पुरी द्रष्टी और योजनाओं का केंद्रविंदु पाकिस्तान भर रह गया था कांग्रेशि शासनकाल में और नतिजा आज फिर हम चाइना के धोखे मे आ गये.. जो एकतरफ BRICKS, संघाई कोर्पोरेशन के माध्यम से नकली मिञता का प्रदर्शंन कर रहा है वही दुसरी तरफ NSG में रोढा अटका रहा है और POK और Sikkim Corridor के बेहद करीब सडके बनवा हमारी सुरक्षा में खतरा पैदा करने की साजीस रच रहा है..

हम फिर धोखा ना खा जायें.. 
हमें सावधान ही नही होना बल्कि अमेरिका, जापान जो चाइना से पहले ही *धोखा* खा चुके हैं उनको भी अपने साथ लेकर चाइना की गतिविधियों को विश्वपटल पर रख अपना पक्ष मजबूत करना चाहिए..
तथा साथ ही अपनी आंतरिक क्षमताओं को संगठित कर चाइनिज विस्तारवादि चालों को ध्वष्त करने के लिये तैयार रहना है.. क्योंकि 
युद्ध हो या कुटनिती सीर्फ अपने बाजुओं और दिमाग से ही जीता सकता है किसी गैर के भरोसे नहीं..
और जब सामने 
*धोखे का पर्यायवाची चीन*  हो जो *हिंदी चीनी भाई भाई* कहते कहते कभी खंजर भोंक *धोखा* दे चला गया था तो सतकर्ता और सावधानी दोनो जरुरी है..।।

By 

Shri Rajesh Tamret
@RajeshTamret

4 comments:

  1. अति उत्तम राजेश जी.

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    1. धन्यवाद विनित जी.💐

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  2. Real Terrorists From Indian History http://www.dailyo.in/politics/how-gandhi-patel-and-nehru-colluded-with-the-british-to-suppress-the-naval-mutiny-of-1946/story/1/5567.html https://www.scribd.com/document/47659337/Gandhi-was-a-British-Agent-and-brought-from-SA-by-British-to-sabotage-India

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  3. A must read article !V well articulated ,your valuable recommendations show how deeply u hv studied &analysed China's ugly designs Kudos ! I thank u on behalf of d entire ,One Bharat Mission !

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